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प्रति व्यक्ति 25.00 €

यह इस्लाम की सूफी परंपरा में निहित एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रदर्शन है। इस समारोह को 13वीं सदी के कवि और रहस्यवादी मेवलाना जलालुद्दीन-ए-रुमी की शिक्षाओं से प्रेरित किया गया था। समारोह का सबसे प्रमुख तत्व एक सक्रिय ध्यान नृत्य है जिसे *सेमा* कहा जाता है, जिसमें दरवेश (सूफी साधक) लगातार घूमते हैं।


*सेमा समारोह* की संरचना में कई अनुष्ठानों और प्रतीकवादों का समावेश है:


1. *नात-ए-शेरिफ*: पैगंबर मुहम्मद का गुणगान करते हुए गाने की शुरुआत होती है।


2. *ताकसीम*: एकल बांसुरी का प्रदर्शन, जो ईश्वर की ओर मानव की आकांक्षा का प्रतिनिधित्व करता है।


3. *देवर-ए-वेलद*: दरवेश मुख्य दरवेश का अभिवादन करते हैं और फिर सेमाहाने में घूमना शुरू करते हैं।


4. *सेमा*: दरवेश अपने चार सलाम (घुमाव) के साथ ईश्वर के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करते हैं।

5. *हातिमे*: यह एक समापन प्रार्थना और क़ुरान के एक भाग के साथ समाप्त होता है।


समारोह का उद्देश्य दरवेशों के लिए एक आध्यात्मिक यात्रा पर निकलना, ईश्वर के करीब महसूस करना और आंतरिक परिवर्तन का अनुभव करना है। हर गतिविधि और तत्व का एक गहरा अर्थ है; दरवेशों के दाहिने हाथ खुले होते हैं आकाश की ओर और उनके बाएँ हाथ पृथ्वी की ओर होते हैं, जो यह प्रतीकित करता है कि वे ईश्वर से प्राप्त दिव्य ऊर्जा को धरती तक पहुँचाते हैं।

  • परिवहन (पिक-अप / ड्रॉप-ऑफ)
  • 45 मिनट का शो
  • शो के बाद पारंपरिक पेय (शेरबेत)
  • खाना और पेय
  • वे इस शो में सूफियों की प्रार्थना का प्रदर्शन कर रहे हैं